

(श्रद्धा उपाध्याय), UP School Reopen Guideline: कोरोना महामारी के चलते जहां ऑफिस से लेकर स्कूल आदि सभी बंद कर दिए गए थे। जिसके बाद बच्चों को घर पर ही रहकर ऑनलाइन क्लासेज के सहारे अपनी पढाई करनी पड़ रही थी। वही अब कोरोना वैक्सीन आ जाने के बाद धीरे-धीरे सभी चीज़ो को खोल दिया गया है। ऑफिस, सिनेमाघरों के बाद अब स्कूलों को भी खोलने की बारी आ गई है। पिछले करीब 8-9 महीनो से बंद चल रहे स्कूलों को खोलने के निर्देश आ गए है। परंतु इनके साथ ही कुछ दिशा-निर्देशों का पालन करना जरूरी होगा।
दरअसल आज बेसिक शिक्षा निदेशालय ने उत्तर प्रदेश में स्कूल खोलने के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है। अब कक्षा 1 से 8 तक के दिशा-निर्देशों को बता दिया गया है। लेकिन अभी केवल 50 प्रतिशत बच्चे ही बुलाये जा सकेंगे। साथ ही सभी क्लासेज के लिए अलग-अलग दिन तय किया गया है। साथ ही बच्चों और अभिभावकों को भी कुछ नियमो का पालन करना होगा।
ये होगा क्रम
प्राइमरी
कक्षा एक व पांच : सोमवार व बृहस्पतिवार
कक्षा दो व चार : मंगलवार व शुक्रवार
कक्षा तीन : बुधवार व शनिवार
उच्च प्राथमिक
कक्षा छह : सोमवार व बृहस्पतिवार
कक्षा सात : मंगलवार व शुक्रवार
कक्षा आठ : बुधवार व शनिवार
इन नियमों का करना होगा पालन (UP government released guidelines)
बता दें कक्षा 6 से 8 तक के स्कूल 10 फरवरी और कक्षा एक से 5 तक के स्कूल एक मार्च से खुलेंगे। कक्षाएं दो पालियों में संचालित होंगी। क्लास में छात्र-छात्राओं के बीच कम से 6 फुट की दूरी रहेगी। वही डिजिटल थर्मामीटर, सैनिटाइजर और साबुन आदि की उचित व्यवस्था रहेगी। बच्चों को घर से ही पानी की बोतल होगी। लाइब्रेरी में भी छह फीट की दूरी जरूरी होगी। बच्चे मास्क की अदला-बदली न कर सकें। पाठ्यपुस्तकें, नोटबुक, पेन और भोजन आदि को शेयर न करें। केंटीन अदि की व्यवस्था नहीं होगी। विद्यालय की बसों को प्रतिदिन दो बार सैनिटाइज किया जाए। बस में चढ़ने से पहले सभी बच्चों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाए। बिना मास्क के किसी को भी बस पर बैठने की अनुमति नहीं होगी। बस की सभी खिड़कियां खुली रहें।
UP Govt issues guidlines for reopening of schools for classes 6-8 from Feb 10 and from March 1 for students of classes 1-5. pic.twitter.com/OQmwRTqtIi
— ANI UP (@ANINewsUP) February 7, 2021
माता-पिता को ये सुनिश्चित करना होगा
विद्यालय प्रबंधन माता-पिता से सहमति पत्र लें कि विद्यालय ऐसी कोई गारंटी नहीं लेता कि भविष्य में कोई छात्र- छात्रा और अभिभावक इस महामारी से संक्रमित नहीं होगा। माता-पिता यह सुनिश्चित करेंगे कि बच्चे के शरीर का तापमान 100 डिग्री फॉरेनहाइट से अधिक होना, सांस लेने में दिक्कत, स्वाद का अभाव, खांसी-जुकाम के कोई लक्षण नहीं हैं। यदि इनमे से कोई भी लक्षण बच्चे में पाए जाते हैं तो बच्चे को विद्यालय नहीं भेजेंगे।
इसके अलावा किसी भी बच्चे को कोरोना संक्रमित पाए जाने की स्थिति में स्कूल प्रशासन को तुरंत नजदीकी अस्पताल को सूचना देनी होगी। बच्चों को स्कूल भेजने से पहले पेरेंट्स से सहमति पत्र लिया जाएगा कि लक्षण दिखाई देने पर बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे। अगर विद्यार्थी परिवार की सहमति से घर से ही अध्ययन करना चाहते हैं, तो उन्हें इसकी अनुमति दी जाए।