(श्रद्धा उपाध्याय), Red Fort Flag: दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियो के बीच जबरदस्त झड़प हुई। जिसके बाद अब पुलिस ने धीरे-धीरे दोषियों की शिनाख्त करनी शुरू कर दी है। वही गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली के लाल किले पर एक युवक ने केसरिया झंडा लगा दिया। जिसके बाद मामला और गर्मा गया। इस युवक ने अपना धार्मिक झंडा उस जगह लगाया। जहां प्रत्येक वर्ष प्रधानमंत्री स्वतन्त्रता दिवस के मौके पर तिरंगा फहराते थे। इस शख्स ने एक नहीं बल्कि दो-दो झंडे लगाए। जिसके बाद अब पुलिस ने इस व्यक्ति की पहचान कर ली है। और अब पुलिस ने इसके गांव पहुंचकर पड़ताल की तो वहां पता लगा कि ये व्यक्ति पाने परिवार सहित लापता है।
युवक की पहचान
लाल किले पर झंडा लगाने वाले इस युवक की पहचान दरअसल इसी के परिवारवालो और रिश्तेदारों ने की है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इसके वीडियो को देख इसके ही परिवार वालो ने इसकी पहचान की है। और गजब की बात तो ये है कि यही लोग उसका पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे है। और साथ ही गर्व भी कर रहे है। आपको बता दें 22 साल का जुगराज सिंह तरन तारन के गांव तारा सिंह का रहने वाला है. उसके परिवार में उसकी मां, पिता दादा, दादी के अलावा एक बहन है. जबकि उसकी दो बहनों की शादी हो चुकी है. परिवार के मुताबिक जुगराज सिंह लेबर का काम करता है। परिजनों ने बताया कि उनके परिवार के पास 2 एकड़ जमीन है, जिस पर वह खेती करते हैं. साथ ही उनके परिवार पर 5 लाख का कर्ज है।
गांववालो ने बताया कि जुगराज मैट्रिक पास है। साथ ही बताया गया कि 24 जनवरी को गांव से दो ट्रैक्टर ट्रालियां किसान आंदोलन के लिए दिल्ली रवाना हुई थीं। जुगराज सिंह भी इनके साथ दिल्ली चला गया था। साथ ही परिवार ने जुगराज के किसी भी खालिस्तानी मूवमेंट के साथ संबंध होने की बात से मना किया है ।
#WATCH A protestor hoists a flag from the ramparts of the Red Fort in Delhi#FarmLaws #RepublicDay pic.twitter.com/Mn6oeGLrxJ
— ANI (@ANI) January 26, 2021
वायरल वीडियो में दादा ने किया गर्व
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में जुगराज सिंह के दादा गर्व से अपने पोते को आशीर्वाद देते हुए भी दिख रहे हैं। साथ ही वो कह रहे हैं कि ये गर्व की बात है कि पूर्व में विजय का खालसा ध्वज लाल किले पर फहरा था, अब 2021 में एक और विजय का झंडा फहराया गया। साथ ही जुगराज सिंह के दादा महिल सिंह और दादी गुरचरण कौर ने बातचीत में माना कि लाल किले पर केसरिया झंडा लगाने वाला उन्हीं का पोता है। उन्होंने कहा कि हमारा परिवार बॉर्डर से सटी कंटीली तार के पास खेती करता है। उसके परिवार का कोई भी सदस्य किसी गैर सामाजिक गतिविधि में शामिल नहीं रहा है।
आपको बता दें 26 जनवरी के दिन हुई हिंसा में 400 के करीब पुलिसकर्मी घायल हुए। साथ ही सरकारी संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचा। जिसके बाद अब सभी आरोपियों की शिनाख्त करके गिरफ्तारी की जा रही है। वही सबके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। वही अब किसानो के पासपोर्ट जब्त करने की बात कही है।