(रिदम झा), Arvind Kejriwal Government: केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal Government) ने दिल्ली की सत्ता में दोबारा वापसी करने के बाद एक साल और पुरे कर लिए है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने कार्यकाल के 6 वर्ष पूरे कर लिए हैं. बता दें अरविंद केजरीवाल ने साल 2015 में 14 फरवरी के चुनाव में 70 में से 67 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई थी. इसके बाद 16 फरवरी 2020 को 70 में से 62 सीटें जीतकर अरविंद केजरीवाल ने तीसरी बार खुद को साबित किया. हालाकि इस से पहले जब 28 दिसंबर 2013 को अरविंद केजरीवाल ने पहली बार सरकार बनाई थी तब उन्हें पूर्ण बहुमत नहीं मिला था, जिसकी वजह से केजरीवाल ने 49 दिन बाद इस्तीफ़ा दे दिया था.
वहीं तीसरी बार सत्ता में आने के तुरंत बाद से ही केजरीवाल सरकार का सफर
काफी मुश्किल भरा रहा. तीसरी बार मुख्यमंत्री बनते ही दिल्ली के अंदर दंगे शुरू हो गए, दंगे शांत हुए तो धरणा-प्रदर्शन होने लगा इतना ही नहीं देश में कोरोना का संकट आ गया और जगह-जगह तालाबंदी हो गई. हालांकि इसके बावजूद भी बीते 1 साल में कुछ ऐसी बातें हुई हैं जिसको केजरीवाल सरकार ने अपनी उपलब्धि के तौर पर गिनवाया है.
कोरोना प्रबंधन
कोरोना जब शुरू हुआ था तो यह एक भयानक महामारी के रूप में सामने आया था, तब इस वायरस का कोई इलाज नहीं दिख रहा था, लेकिन तब दिल्ली ने पूरे देश में सबसे पहले प्लाज्मा थेरेपी के परीक्षण शुरू किया. जिसके बाद परीक्षण के शुरुआती नतीजे उत्साहवर्धक निकले और इसके बाद पूरे देश में प्लाज्मा का परीक्षण होने लगे.
प्लाज्मा बैंक
2 जुलाई 2020 को दिल्ली में देश का पहला प्लाज्मा बैंक खोला गया. प्लाज्मा बैंक के कारण अब तक 4929 मरीजों को प्लाज्मा मिल पाया है. यह केजरीवाल सरकार की उपलब्धियों में से एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी. प्लाज्मा बैंक के खुलने से पहले कोरोना मरीज के परिजन प्लाज्मा ढूंढने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे थे. यहां तक कि प्लाज्मा की कालाबाजारी की भी खबरें आने लग गई थी. दिल्ली सरकार दक्षिणी दिल्ली के इंस्टिट्यूट ऑफ़ लीवर एंड बिलिअरी साइंसेस (ILBS) में देश का पहला प्लाज्मा बैंक खुलवाया. जो की अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि थी.
होम आइसोलेशन (Home Isolation)
कोरोना मरीजों का इलाज अपने आप में एक बड़ा संकट था, जिसका इलाज बेहद चिंताजनक था क्योकि की बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो रहे थे, ऐसे हालात को देखते हुए जो बहुत गंभीर मरीज थे उनको अस्पतालों में, जो मॉडरेट लेवल के गंभीर मरीज थे उनको कोविड हेल्थ केयर सेंटर में और हल्के लक्षण या बिना लक्षण वाले मरीज़ों को उनके घर में ही रहकर इलाज करवाने की सुविधा दी गई जिसको होम आइसोलेशन कहा गया. जिसकी वजह से दिल्ली में 3,12,425 मरीज़ होम आइसोलेशन में रहकर ठीक हो चुके हैं जबकि 6 लाख से ज़्यादा लोग संक्रमित होकर ठीक हुए हैं.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लॉकडाउन दौर काफी कठिन था. संकट की इस घड़ी में दिल्ली सरकार ने हर महीने एक करोड़ लोगों को राशन दिया गया. वहीं, 1.56 लाख चालकों को 5-5 हजार और निर्माण मजदूरों को 10-10 हजार रुपए दिए, जिससे उनको मदद मिली. कोरोना वारियर को दिल्ली सरकार ने एक-एक करोड़ रुपए की सहयोग राशि प्रदान की. इस दौरान, जब टैक्स आना बंद हो गया था तब भी दिल्ली सरकार मुफ्त पानी और बिजली देती रही. अच्छा आर्थिक प्रबंधन करके हमने सुनिश्चित किया कि लोगों की बिजली और पानी जो दिल्ली के अंदर फ्री मिलता है, वह फ्री मिलता रहे.