(श्रद्धा उपाध्याय), Farmers Tractor Rally Live Update: पिछले दो महीनो से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने आज ट्रैक्टर रैली की आड़ में उग्र प्रदर्शन कर डाला। 26 जनवरी को राजपथ पर होने वाली परेड के बाद ट्रैक्टर रैली शुरू की जानी थी। लेकिन दिल्ली पुलिस को दिए अश्वासन के बावजूद कुछ प्रदर्शनकारी किसानो ने निर्धारित समय से पहले ही इसकी शुरुआत कर दी। जिसके बाद किसानो ने राजधानी में निर्धारित मार्ग का अनुसरण न करते हुए अन्य मार्गों पर भी अपनी रैली निकलने लगे। जिसके बाद गुस्साई पुलिस और किसानो के बीच जमकर झड़प हुई। भीड़ बेकाबू होते देख पुलिस ने आंदोलनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़ लाठियां बरसाई। जिसके बाद आंदोलनकारी किसानो ने आईटीओ पर DTC की सरकारी बसों में जमकर तोड़फोड़ की। जिसके बाद किसानो ने पुलिस बेरिकेड तोड़ लाल किले की ओर अपना रुख किया।
#WATCH Protestors enter Red Fort in Delhi, wave flags from the ramparts of the fort pic.twitter.com/4dgvG1iHZo
— ANI (@ANI) January 26, 2021
बता दें जबरदस्ती लाल किले के अंदर घुसे दंगाइयों ने लाल किले की प्राचीर पर तिरंगे का अपमान करके खालसा पंथ का झंडा फहराया। जो कि सरासर देश की शान का नीचा दिखाना है। वही आज 26 जनवरी यानि गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों का इस तरिके से किया गया उग्र प्रदर्शन काफी निंदनीय है। वही लाल किले के अलावा किसानों का एक जत्था इंडिया गेट की तरफ भी बढ़ गया। वही जिस जगह हर साल 15 अगस्त के दिन देश के प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते है। आज उस जगह पर किसानों ने अपना झंडा लगा दिया।
जानकारी के लिए बता दें सुबह 10 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लाल किले पर ध्वाजारोहण किया था। जिसके बाद दोपहर करीब 2 बजे तिरंगा उतारकर एक प्रदर्शनकारी ने पोल पर खालसा पंथ और किसान संगठनों का झंडा लगा दिया।वही करीब एक घंटे तक चले इस उपद्रव के बाद किसान नेताओं ने अपील की, सुरक्षा बलों ने बल प्रयोग किया और तब प्रदर्शनकारियों को प्राचीर से हटाया जा सका, लेकिन उन्हें लाल किले से हटाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इसके साथ ही हिंसा को और न भड़काया जाये। जिसके चलते दिल्ली के कुछ इलाकों में आज रत 12 बजे तक के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। वही दूसरी ओर आईटीओ के पास पुलिस के झड़प के बीच तेज रफ्तार में ट्रैक्टर दौड़ा रहे एक किसान की ट्रैक्टर पलटने से मौत हो गई। मृतक का नाम नवनीत सिंह था, वह उत्तर प्रदेश का रहने वाला था।
आपको बता दें दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की तस्वीरें दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र से मेल खा रही हैं। जिस तरह आज लाल किले पर आंदोलनकारियों ने उपद्रव किया, ठीक उसी तरह अमेरिका में 6 जनवरी को ट्रम्प समर्थकों ने हंगामा कैपिटल हिल में घुस हंगामा कर तोड़फोड़ कर दी थी । और आज हमारे देश में भी कुछ इसी तरह के हालात देखने को मिले। वही इस हिंसक और उग्र आंदोलन पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम जानते हैं कि कौन परेशानी खड़ी करने की कोशिश कर रहा है। ये उन राजनीतिक दलों के लोग हैं, जो आंदोलन को बदनाम करना चाहते हैं।